२९/०१/२०२१
आज मैं बहुत खुशी हुॅं।आज का दिन शायद कभी नहीं भूल पाऊंगी क्योंकि आज हमारे टीचिंग प्राक्टीस का पहला दिन था। मुझे जी.जी.एच .एस कोल्लम स्कूल के छात्रों को पढ़ाया था। मेरा कक्षा शाम को ७.३० बजे शुरू की। नवीं कक्षा के छात्रों को तीन कक्षा था। पहला कक्षा बायोलॉजी था,फिर मैंने कक्षा लिया। उसके बाद गणित था। सबसे पहले अभिवादन और प्रत्याभिवादन के बाद छात्रों के साथ सहसंबन्ध स्थापित करती थी और कक्षा की ओर चले।
आज नवीं कक्षा के छात्रों के लिए "अकाल में सारस " कविता पढ़ाय था। पहले कविता का नाम श्यामपट पर लिखा है और पीपीटी के द्वारा प्रस्तुत की।कवि का नाम , चित्र,और कवि परिचय स्लैड के द्वारा प्रस्तुत की। मैंने पाठ्यवस्तु की आदर्श वाचन करती है और छात्रों अनुकरण वाचन करती थी। पाठभाग का कठिन शब्द स्लैड के द्वारा चित्रों के सहारे छात्रों के सामने प्रस्तुत की।फिर कविता का आशय सरल रूप से व्यक्त किया।
कक्षा के बीच छात्रों के साथ प्रश्न पूछा। पाठभाग से संबंधित एक गतिविधि भी दिया। छात्रों ने सकारात्मक और नकारात्मक उत्तर दिया। गतिविधि के सहारे एक नारा लिखने के बारे में सिखाया। छात्रों अपने पुस्तक में जल के संबंधित नारा लिखी। उसके बाद छात्रों को पाठभाग से संबंधित पुनरावलोकन करती थी।अनवरत में छात्रों को एक अनुबंध कार्य दिया। अनुबंध कार्य गतिविधि से संबंधित था।८.०० बजे मेरा कक्षा समाप्त हुआ।
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